Thursday, May 1, 2014

Baba - सजाऊँ दिल को

सजाऊँ दिल को सत्विचारों से दिनरात
रिझाऊँ मैं तुझको बता कैसे साई नाथ

दिन धुप हो तुम सूरज भी तुम हो 
दयालु मैं तुझको दिया क्या दिखाऊँ .. (सजाऊँ दिल को)

फूल भी हो तुम पत्ते भी तुम हो 
तुम्ही को मैं तुमको कैसे चढाऊँ .. (सजाऊँ दिल को)

वेद भी हो तुम शास्त्र भी तुम हो  
तुमको किस मंत्र से बाबा मैं पूजूँ .. (सजाऊँ दिल को)

अन्न भी हो तुम और पानी भी तुम हो
ऐ मेरे रक्षक मैं तुम्हे भोग क्या दूँ? 

सजाऊँ दिल को सत्विचारों से दिनरात
रिझाऊँ मैं तुझको बता कैसे साई नाथ


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