कुछ भी न चाहिए
मुझको बुलाले बस द्वारिका माई
अंधियारी राहों
को तेरी चरणों ने रोशन कर डाली - साई
कुछ भी न चाहिए
मुझको बुलाले बस द्वारिका माई
जिद्दी था पहले
मैं बाबा मुझको तू ने किया काबू
ग्यारह वचन देकर
तू मेरी हिफाज़त करता - साई
कुछ भी न चाहिए
मुझको बुलाले बस द्वारिका माई
आंधी चले तो भी
क्या है तूफ़ान चले तो भी क्या है
बाबा है रखवाला
मेरा नैनों को पलकें है जैसा - साई
कुछ भी न चाहिए
मुझको बुलाले बस द्वारिका माई
अंधियारी राहों
को तेरी चरणों ने रोशन कर डाली - साई
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