चिंता से भरे दिल को साई
बाबा को तुम देदो रे
बदले में अपने दिल को तुम
उनकी प्यार से भर दो रे
चिंता से भरे दिल को साई
बाबा को तुम देदो रे
अंधियारी राहों को उज्वल
करता साईं के चरणे
जंगल हो या फिर पर्वत हो
साथ चले उसकी चरणे
जब जब उसका नाम हम लेते
प्यारे बाबा राह
दिखाते
निर्बल को बल निर्धन को धन
जो चाहे सो मिलता है
बाबा की पावन कीरुपा से
पतझड में फूल खिलता है
मन में भय क्यों उनके रहते
साई के हम सब हैं चहिते
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